दिल्ली में जिस तरह से डेंगू के डकं से लोगों की जानें जा रही हैं उसे
देखकर तो यही लगता है कि जिदंगी की कोई कीमत ही नही रह गई । कहने में एक
छोटा से मच्छर मगर इससे होने वाली बीमारी बड़ी ही भयावह है। और इससे ज्यादा
भयावह है सरकार की बेरुखी। कब जागेगी सरकार। और कितनी जिदंगियाँ लीलेगा ये
मच्छर। अच्छा भला इंसान केवल हफ्ते भर में मौत के मुहँ में समा जाता है।
अभी हाल ही में लाडो सराय में सात साल के एक बच्चे की डेंगू से मौत से आहत
उसके माँ-बाप के द्वारा खुदकुशी की खबर सुनकर बहुत दुःख हुआ। डेंगू के डंक
नें पूरे परिवार को लील लिया। सुननें में आया कि नामी प्राईवेट हस्पतालों
में बच्चे के माँ-बाप उसे लेकर गये थे मगर हर जगह उन्हे बेड खाली नहीं है
कहकर वापस कर दिया गया । बेहद शर्मनाक। इसी तरह एक खबर मालवीय नगर, बेगमपुर
की है यहाँ रहने वाले व्यक्ति के 11 वर्षीय बेटे की पाँच साल पहले डेंगू
से ही मौत हो गई थी और बदकिस्मती देखो उसकी कि हर एहतियात बरतने पर भी
पिछले दिनों उसकी 10 वर्षीय बेटी को भी डेगूं हो गया और डेंगू के डंक नें
उसे भी लील लिया। उस बेचारे ने अपनी बेटी को बचाने के लिये कर्जा लेकर
अच्छे अस्पताल में उसका इलाज भी करवाया लेकिन उसकी बेटी को बचाया नहीं जा
सका। अब उस बेचारे की कोई सन्तान तो बची नहीं और ना ही नौकरी करने का उसका
मन है मगर हाँ इलाज के लिये लिया गया पचास हजार रुपये का कर्जा उसे चुकाना
है। अत्यन्त दुखद। ऐसे ही और कितनी खबरें रोज सुननें-पढ़नें में आ रही है।
मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है सरकारी अस्पताल हो या प्राईवेट हर जगह
मारा-मारी है। सरकारी अस्पतालों में तो एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को रखा
गया है। खून टेस्ट के लिये तो घंटो लम्बी लम्बी लाईनों में लगना पड़ रहा
है।
अब सवाल यह है कि कब तक हर साल हम यूं ही डेंगू से मरते रहेंगे ?
जब सरकार को भी यह पता होता है कि डेंगू से हर साल जानें जा रही हैं तो
क्यों नहीं पहले ही रोकथाम के लिये उचित कदम उठाये जाते । मोदी सरकार क्यों
इस ओर उचित ध्यान नहीं दे रही है। अरे भई! देश की भारतवर्ष की राजधानी है
दिल्ली। मोदी जी विदेश जाईये मगर देश की राजधानी की हालत पर भी गौर करें।
एक तरफ जँहा हम मगंल ग्रह पर पहुँच रहे हैं वहीं दूसरी तरफ देश की राजधानी
में हम डेंगू से निपट नहीं पा रहे हैं। बेहतर होगा पहले हम इस जमीनी बीमारी
से निजात पानें की कोशिश करें। उसी तरह केजरीवाल जी आप भी इस बीमारी की
रोकथाम और इलाज के लिये उचित कदम उठायें। डेंगू से बचाव के लिये इमानदार
कोशिश करनी होगी केन्द्रीय और राज्य सरकार के साथ-साथ कल्याणकारी सगठनों,
संस्थाओं और हम सबको मिलकर बराबर की भागीदारी निभानी होगी। लोगों को इस
बीमारी से बचाव के लिये जागृत करना होगा। डेंगू के लारवा के पनपने की
अवस्था और परिस्थिति के बारे में लोगों तक सही जानकारी पहुँचानी होगी। ताकि
मासूम लोगों की जिदंगियों को बचाया जा सके।
उम्मीद है कि सरकार इस
विषय को गंभीरता से लेगी और उचित नीति और दिशा-निर्देश तय करेगी। ताकि
भविष्य में बेकसूर लोगों को मरने से बचाया जा सके।